रोटरी क्लब ने बांटे बैग व पुस्तकें, मेधावियों को मिले मेडल
प्रयागराज में "एक पहल" के बच्चों को रोटरी क्लब द्वारा बैग, पुस्तकें वितरित की गईं, मेधावियों को मिला सम्मान

प्रयागराज। शहर की सामाजिक संस्था रोटरी इलाहाबाद मिड टाउन ने अपनी सेवा यात्रा को नई दिशा देते हुए "एक पहल शिक्षा समिति" के शैक्षिक अभियान को सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर संस्था द्वारा वंचित बच्चों को स्कूल बैग व आवश्यक पुस्तकें वितरित की गईं, वहीं कक्षा 11 में प्रवेश लेने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया।
"एक पहल शिक्षा समिति" प्रयागराज के झुग्गी-झोपड़ी व वंचित समाज के बच्चों के लिए उम्मीद की एक किरण बन चुकी है। यह संस्था शिक्षा के माध्यम से इन बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में सतत प्रयासरत है। इस मुहिम में रोटरी क्लब की वर्तमान अध्यक्षा राधा सक्सेना एवं पूर्व अध्यक्षा डा. दिव्या बरतरिया ने मिलकर सहयोग का हाथ बढ़ाया।
इस अभियान की विशेष उपलब्धि रही रोटरी क्लब के वरिष्ठ सदस्य और राजीव प्रकाशन एवं नवीन प्रकाशन के संस्थापक अभिषेक रंजन अग्रवाल का योगदान, जिन्होंने सभी बच्चों को निःशुल्क किताबें और स्कूल बैग प्रदान किए। उन्होंने इन बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ शिक्षा के प्रति जागरूकता और सहयोग की मिसाल पेश की।
कार्यक्रम के दौरान संस्था द्वारा यह बताया गया कि “एक पहल” के प्रयासों से अब तक चार छात्राएं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. की डिग्री लेकर एम.ए. कर रही हैं। ये छात्राएं पहले ऐसे समुदायों से हैं जहाँ कभी कोई विद्यार्थी गणित जैसे विषय के साथ 12वीं तक भी नहीं पहुँच पाया था। यह परिवर्तन दर्शाता है कि लगातार सहयोग और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से असंभव को भी संभव किया जा सकता है।
इन सफल छात्राओं में से कुछ अब विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर समाज को योगदान दे रही हैं और स्वयं भी "एक पहल" को आर्थिक सहयोग कर रही हैं, जिससे आत्मनिर्भरता और सामाजिक उत्तरदायित्व का चक्र बन रहा है।
रोटरी क्लब की अध्यक्षा राधा सक्सेना और पूर्व अध्यक्षा डॉ. दिव्या बरतरिया ने इस अवसर पर कहा कि रोटरी परिवार आगे भी इन बच्चों के करियर निर्माण में हरसंभव सहयोग करता रहेगा। उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
अंत में, क्लब ने अभिषेक रंजन अग्रवाल के सेवा समर्पण को नमन करते हुए उन्हें विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए संसाधन जुटाने की पहल था, बल्कि समाज में शिक्षा और सेवा के प्रति सकारात्मक संदेश भी है।