ईद-उल-अजहा की नमाज़ के साथ कुर्बानी की रस्में अदा, फूलपुर व शहरी क्षेत्रों में उल्लासपूर्ण माहौल

प्रयागराज शहर और फूलपुर क्षेत्र में ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद परंपरागत कुर्बानी और दुआओं का शांतिपूर्ण आयोजन हुआ

ईद-उल-अजहा की नमाज़ के साथ कुर्बानी की रस्में अदा, फूलपुर व शहरी क्षेत्रों में उल्लासपूर्ण माहौल

प्रयागराज। ईद-उल-अज़हा (बकरीद) का पर्व शहर और ग्रामीण इलाकों में परंपरागत उल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की कुर्बानी की याद में मनाया जाने वाला यह पर्व मुस्लिम समाज के लिए आस्था, त्याग और समर्पण का प्रतीक है।

रविवार सुबह 6 बजे से लेकर 10:30 बजे तक शहर की प्रमुख मस्जिदों, ईदगाहों और इबादतगाहों में विशेष नमाज़ अदा की गई। बहादुरगंज स्थित शाही मस्जिद में सज्जादानशीन हाफिज मोहम्मद मुकर्रब उल्लाह अली मियां ने 6:30 बजे नमाज़ अदा कराई। इस अवसर पर चौक जामा मस्जिद, चक ज़ीरो रोड की शिया जामा मस्जिद, रौशनबाग़ की शाह वसी उल्लाह मस्जिद, करैली की बीबी खदीजा मस्जिद, दायरा शाह अजमल की खानकाह, और रसूलपुर की बड़ी मस्जिद समेत सैकड़ों मस्जिदों में लोगों ने दो रकात वाजिब नमाज़ अदा की।

नमाज़ के बाद नमाज़ियों ने देश की सलामती, अमन-चैन, स्वास्थ्य, रोज़गार और समाज में भाईचारे की दुआ मांगी। विशेष रूप से मुल्क-ए-हिंद की तरक्की और सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्द की कामना की गई।

नमाज़ के बाद दिनभर और देर शाम तक कुर्बानी की रस्म अदा की जाती रही। लोगों ने अपने घरों और स्लाटर हाउसों में बकरों और बड़े जानवरों की कुर्बानी दी। कुर्बानी के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि स्वच्छता और सार्वजनिक स्थानों की व्यवस्था बनी रहे।

फूलपुर क्षेत्र में भी दिखा पर्व का उल्लास
फूलपुर थाना क्षेत्र एवं आसपास के गांवों में भी बकरीद शांतिपूर्ण और भाईचारे के वातावरण में मनाई गई। मुस्लिम समाज के बुजुर्ग, युवा और बच्चे पारंपरिक परिधानों में ईदगाह पहुंचे, जहां दो रकात नमाज़ अदा की गई और इसके बाद दुआओं का सिलसिला चला।

खानकाह सिकंदरिया भुलई के पूरा में सज्जादानशीन हाफिज सदरूल हसन ने सुबह 7 बजे नमाज़ अदा करवाई। इसके अलावा बरना बाजार, मिश्रापुर, अगहुआ कोनार, भमई मैलहन, और अमिलिया जैसी जगहों पर भी मस्जिदों में नमाज़ शांति से संपन्न हुई।

स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। प्रत्येक ईदगाह पर दो-दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी और पूरे फूलपुर क्षेत्र में पर्व के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी।

यह पर्व न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का संदेश भी देता रहा। ईद-उल-अज़हा 2025 प्रयागराज में प्रेम, शांति और भाईचारे का जीवंत उदाहरण बनकर संपन्न हुआ।