मुल्क आज खतरे में है : नागेश सहगल
जैनुल आब्दीन प्रयागराज। प्रबुद्व नागरिक, साहित्यकार, अधिवक्ता,शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और कई ट्रेड यूनियनों से सम्बद्व रखने वाले संगठन नागरिक समाज इलाहाबाद ने नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के लिये आवाज उठाते हुये कहा है कि आज अपना मुल्क खतरे में है। संगठन से जुडे् नागेश सहगल का कहना है कि यह लोकसभा का चुनाव लोकतंत्र को बचाने का है। आज साम्प्रदायिकता का खेल चल रहा है। जो कि आज इतनी हावी हो गयी है कि हिन्दू और मुस्लिम भाईयों के बीच एक लम्बी खाई खिंच गयी है।

नागेश शुक्रवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इनके साथ केके राय,इशरार मियॉ, श्रृषिकेश्वर उपाध्याय आदि संगठन से जुड़े लोग मौजूद रहें। प्रयागराज की दोनों सीटों इलाहाबाद और फूलपुर क्रमशः उज्जवल रेवती रमण सिंह और अमरनाथ मौर्या के समर्थन में अपने स्तर से जिताने के लिये संघर्ष की बात कहते हुये कहा कि वह इण्डिया गंठबंधन के कई चुनावी घोषणा पत्रों को उचित माना। साथ ही यह भी कहा कि अगर सत्ता में इण्डिया गंठबंधन आता है, तो यह संगठन उसके सामने विपक्ष की भांति खड़ा रहेगा। कहा कि वर्तमान लोकसभा 2024 का चुनाव पिछले सभी चुनावों से बिल्कुल अलग है। क्योंकि इस बार लोकतंत्र के लिये प्लेग्राउण्ड बचेगा कि नहीं सवाल उठाये। चुनाव आयोग से मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि को बाहर कर उसका कम्पोजीशन ही ऐसा बना दिया गया है। कहा कि संवैधानिक ढांचा तो बरकरार है मगर ये संस्थाएं भाजपा सरकार की कठपुतली बन गयी है।
मणिपुर सहित कई मुद्दों को उठाते हुये कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का नारा भी एक जुमले से अधिक कुछ भी नहीं है। दिल्ली में महिला पहलवानों के साथ दुर्व्यहार, हाथरस,जम्मू आदि तमाम घटनाएं उसका उदाहरण है। कहा कि नागरिक समाज यह मानता है चाहे जो भी सरकारे हों जनता की बदहाली के सवालों पर उसका संघर्ष जारी रहेगा है ।