रायबरेली में लकड़ी कारीगरों को नया संबल, बिरला कॉरपोरेशन और विश्वास संस्थान की अनूठी पहल

रायबरेली में बिरला कॉरपोरेशन ने कारीगरों को टूल किट और प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया।

रायबरेली में लकड़ी कारीगरों को नया संबल, बिरला कॉरपोरेशन और विश्वास संस्थान की अनूठी पहल
बिरला कॉरपोरेशन और विश्वास संस्थान की अनूठी पहल

रायबरेली : जनपद रायबरेली में ग्रामीण कारीगरों को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित करने हेतु बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड और विश्वास संस्थान द्वारा एक सराहनीय पहल की गई। समग्र ग्राम विकास कार्यक्रम के अंतर्गत, लकड़ी आधारित शिल्पकला में निपुणता प्राप्त कर रहे कारीगरों को दो माह का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया, जिसके समापन पर उन्हें आवश्यक टूल किट एवं सेफ्टी किट वितरित की गई।

यह कार्यक्रम न केवल कारीगरों के कौशल विकास को बढ़ावा देने का माध्यम बना, बल्कि उन्हें स्व-रोजगार के लिए भी सक्षम बना रहा है। समारोह के दौरान, बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से श्री शिव गोविंद सिंह एवं श्रीमती रंजीता सिंह, तथा विश्वास संस्थान की ओर से श्री विपिन बाजपेई उपस्थित रहे। इन गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रशिक्षित कारीगरों को टूल किट एवं सुरक्षा किट भेंट की गई।

संस्थान के सचिव श्री विपिन बाजपेई ने इस अवसर पर बताया कि यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना "एक जिला एक उत्पाद" (ODOP) के अंतर्गत है, जिसके तहत रायबरेली को "लकड़ी की कारीगरी" के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि बिरला कॉरपोरेशन की यह पहल स्थानीय कारीगरों के लिए जीवन में एक नया अवसर लेकर आई है।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले कारीगरों ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें न केवल आधुनिक औजारों का ज्ञान हुआ है, बल्कि उन्होंने बाजार की मांगों के अनुरूप डिज़ाइन और उत्पाद तैयार करने की कला भी सीखी है। कारीगरों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए, जिससे वे भविष्य में स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकें।

बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा यह पहल उनके सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत की गई है, जिसमें गांवों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य है। कंपनी का मानना है कि यदि स्थानीय प्रतिभाओं को उचित मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तो वे न केवल अपनी जिंदगी संवार सकते हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए समारोह का समापन किया गया। इस तरह की पहलें निश्चित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को उजागर करने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।