मूक-बधिर छात्रों को सिखाया आत्मरक्षा का हुनर, रोटरी क्लब प्रयागराज का सराहनीय प्रयास

प्रयागराज में रोटरी क्लब ने मूक-बधिर छात्रों को कराटे सेल्फ डिफेंस सिखा आत्मनिर्भर बनाने की प्रेरणादायक पहल की।

मूक-बधिर छात्रों को सिखाया आत्मरक्षा का हुनर, रोटरी क्लब प्रयागराज का सराहनीय प्रयास
मूक-बधिर छात्रों को सिखाया आत्मरक्षा का हुनर, रोटरी क्लब प्रयागराज का सराहनीय प्रयास

(जैनुल आब्दीन)

प्रयागराज : समाज में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के एक प्रेरणादायक कदम के तहत, रोटरी इलाहाबाद मिड टाउन क्लब ने मुख-बधिर विद्यालय, जॉर्ज टाउन प्रयागराज के मूक-बधिर छात्रों को आत्मरक्षा के लिए कराटे सिखाने की पहल की। इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण को क्लब की सक्रिय सदस्य और रेड बेल्ट अकादमी की प्रमुख, श्रीमती स्मृति शांगलू एवं उनकी समर्पित टीम ने लगभग 10 महीने की कड़ी मेहनत के बाद सफलतापूर्वक संपन्न किया।

इस विशेष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मूक-बधिर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपनी सुरक्षा स्वयं करने के लिए सक्षम बनाना था। प्रशिक्षण के दौरान बच्चों में आत्मविश्वास का संचार हुआ और उन्होंने अपनी क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया।

विद्यालय में आयोजित कराटे प्रतियोगिता में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर रोटरी क्लब की अध्यक्ष राधा सक्सेना, सचिव नीरुज चुग, कार्यक्रम प्रभारी अभिषेक सिंह, तथा सिविल लाइंस व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील खरबंदा एवं महामंत्री शिव शंकर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। क्लब के अन्य सक्रिय सदस्यों में महेश सिंघानिया, अभिषेक रंजन, आशीष चौधरी, दिव्यांशु तिवारी, नितिन अग्रवाल, गीतिका अग्रवाल, राजीव चड्ढा, मनु सक्सेना और सुधीर पोतदार भी उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को रोटरी मिड टाउन क्लब द्वारा चार स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और आठ कांस्य पदक प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, सभी प्रतिभागियों को भागीदारी के लिए प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए, जिससे छात्रों के आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली।

कार्यक्रम के दौरान क्लब ने सभी बच्चों के लिए जलपान की भी व्यवस्था की। साथ ही, बच्चों को प्रशिक्षण देने वाली टीम को उपहार देकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिससे उनके योगदान की सराहना की गई।

रोटरी इलाहाबाद मिड टाउन क्लब का यह प्रयास न सिर्फ बच्चों के जीवन में आत्मरक्षा का हुनर भरने वाला साबित हुआ है, बल्कि समाज में समावेशी और सशक्तिकरण की भावना को भी मजबूती प्रदान करता है।