online shopping का किया विरोध बनाई मानव श्रृंखला व्यापारियों में आक्रोश

कानपुर- 8 फरवरी 2024 को समाजसेवी व्यापार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष गहमरी ऑनलाइन शॉपिंग के विरोध में विजयनगर में मानव श्रृंखला बनाकर व्यापारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री सहित सीएम के नाम ज्ञापन भेजा व्यापारियों ने ऑनलाइन शॉपिंग पर सरकार से नियंत्रण की मांग भी की। इससे व्यापारियों को हो रहे नुकसान को कम करने मांग की गई है।
गहमरी ने बताया कि ऑनलाइन व्यापार से हर व्यापार को नुकसान हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार टैक्स लगाए जा रहे है, लेकिन हमारा टर्नओवर गिरता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण ऑनलाइन शॉपिंग का होना है। व्यापारियों ने बताया कि मोबाइल से लेकर कपड़ा व्यवसाय तक ऑनलाइन शॉपिंग से लाखों का नुकसान झेल रहा है। इसी तरह हार्डवेयर सहित मेडिकल व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है।
ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण नगर सहित छोटे कस्बों से खरीदारों की चहल-पहल करीब खत्म सी हो गई है।
अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जो दे रहे है। इससे व्यापारियों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाला डिस्काउंट भ्रमित करने वाला है। वहीं ठगी के शिकार होने की संभावना भी रहती है। दुकानदारों में सबसे ज्यादा असर मोबाइल, कपड़ा, फुटवीयर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। त्योहारों के सीजन में ग्राहकों के लिए कितना स्टॉक कर रखें यह तय नहीं हो पा रहा है।
बेरोजगार हो रहे लोग
देश सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियां भी ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनियों को तवज्जो दे रही है। ऐसे में रिटेलर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। देश के हजारों रिटेल काउंटर बंद होने की कगार पर है। वहीं कई युवाओं को नौकरी से निकाला जा चुका है। इससे बेरोजगारी तो बढ़ ही रही है। वहीं व्यापार भी चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब रिटेल काउंटर पर ग्राहकों का आनाबंद हो जाएगा। कई कंपनियां गाने प्रचार कर के हाथों को ठगने का काम कर रही है।
गहमरी ने बताया कपड़ा व्यापारियों ने अपने यहां स्टाफ कम कर दिया है। वर्तमान में दुकानदारों को बिक्री कम होने से कई खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों की हो रही है, जिन की दुकानें किराए से ली हुई है, उन्हें अपने लाभ हमें किराए सहित अन्य खर्चों को निकालना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।