किसान राष्ट्र की मांग उठी: किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र का आह्वान
किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र ने किसानों को भगवान और देवता से कम नहीं बताया, साथ ही किसान राष्ट्र की घोषणा और किसान बोर्ड के गठन की मांग की।

जैनुल आब्दीन
प्रयागराज। बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और देवकी नंदन ठाकुर के सनातन बोर्ड के बाद अब किसानों के लिए एक नई मांग उठी है। विश्व के पहले किसान पीठाधीश्वर, किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने किसान राष्ट्र की घोषणा और किसान बोर्ड के गठन की मांग की है। उन्होंने कहा कि, "किसान हमारे लिए भगवान और देवता से कम नहीं हैं।"
स्वामी शैलेन्द्र ने अपने बयान में कहा कि किसान हमेशा अपनी कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद समाज के लिए अन्न उत्पादन करते हैं, लेकिन उनकी स्थिति को कभी उचित सम्मान नहीं मिला। उनका मानना है कि यदि किसान राष्ट्र घोषित किया जाता है, तो यह किसानों के सम्मान को बढ़ावा देगा और उन्हें फसल का उचित मूल्य मिलेगा।
"किसान न होते तो मस्जिद में अल्लाह, चर्च में गाड, और मंदिर में भगवान कौन पूजता?" स्वामी शैलेन्द्र ने यह सवाल उठाते हुए किसानों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह देश तभी समृद्ध होगा जब किसान का सम्मान होगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
स्वामी शैलेन्द्र ने यह भी बताया कि किसान देवी और देवता की पूजा का हिस्सा हैं, क्योंकि उनके द्वारा उत्पादित खाद्य सामग्री को पूजा में चढ़ाया जाता है। उन्होंने मांग की कि किसान बोर्ड का गठन हो और गांव-गांव में किसान की पूजा की जाए।
यह आंदोलन केवल किसानों के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि समाज में समानता और समृद्धि के लिए भी है। स्वामी शैलेन्द्र का कहना है कि भारत को किसान राष्ट्र घोषित करना न केवल किसानों के सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि यह देश की समृद्धि के लिए भी आवश्यक कदम है।