गांधी परिवार की पसंद को सर - आंखों पर लिया अमेठी की जनता ने
जब गांधी परिवार ने अमेठी में इंडिया अलायंस के कांग्रेस प्रत्याशी पंडित किशोर लाल को अमेठी की विरासत सौंपी

अमेठी। जब गांधी परिवार ने अमेठी में इंडिया अलायंस के कांग्रेस प्रत्याशी पंडित किशोर लाल को अमेठी की विरासत सौंपी और उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाया तो मीडिया में काफी हलचल मची।
जो राजनीतिक विश्लेषक अपने चैनलों पर कह रहे थे कि स्मृति ईरानी के लिए राह आसान हो गई है, वही मीडियाकर्मी कैमरे पर उनकी बात को गलत साबित करने पर मजबूर हो गए हैं और कहने लगे हैं कि किशोरी लाल शर्मा निस्संदेह तुरुप का इक्का हैं, जिसे वह चुनाव में इस्तेमाल कर सकती हैं मैदान।
गांधी परिवार ने स्मृति ईरानी को मैदान में उतारकर हरा दिया। कयास लगाए जा रहे थे कि अगर कांग्रेस ने गांधी परिवार के अलावा किसी और उम्मीदवार को मैदान में उतारा तो न सिर्फ उसका विरोध होगा बल्कि जनता भी उसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं करेगी।
आज की राजनीति में हर कोई उनकी कार्यशैली का कायल हो गया। चार दशकों तक गांधी परिवार के एक वफादार सेवक के रूप में बिना किसी पद की चाहत के निस्वार्थ भाव से काम करना आज की राजनीति में असंभव लगता है।
चुनावी मैदान में लड़ाई एक तरफा नजर आने लगी है. अपने सौम्य स्वभाव, सुसंस्कृत व्यवहार, कूटनीतिक दृष्टिकोण, कुशल प्रबंधन, सरल जीवन शैली और अच्छे समन्वय के कारण किशोरी लाल अमेठी की जनता के मन में बस गए हैं, यही कारण है कि जैसे ही वह जनसभा में पहुंचते हैं लोग नारे लगाएं "अमेठी का लाल-किशोरी लाल।" ।
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