हुनर और हौसले से बनेगी नज़ीर: महिला समूहों को मिला उद्यमिता का मार्गदर्शन

प्रयागराज में कार्यशाला के जरिए महिलाओं को उद्यमिता, नवाचार और कॉपीराइट जैसे विषयों पर दी गई प्रेरणादायक जानकारी।

हुनर और हौसले से बनेगी नज़ीर: महिला समूहों को मिला उद्यमिता का मार्गदर्शन
हुनर और हौसले से बनेगी नज़ीर: महिला समूहों को मिला उद्यमिता का मार्गदर्शन

(जैनुल आब्दीन)

प्रयागराज। सीएमपी कॉलेज, प्रयागराज के जंतु विज्ञान विभाग और नवाचार प्रकोष्ठ (आईआईसी) द्वारा 9 अप्रैल को एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला महिलाओं की उद्यमिता को बढ़ावा देने और स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

कार्यक्रम की शुरुआत विभाग संयोजिका डॉ. विनीता जायसवाल द्वारा स्वागत भाषण से हुई। मुख्य वक्ता डॉ. स्वाति दीपक दुबे, एसएमएस, केवीके, काला काकड़, प्रतापगढ़ ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर मन में सीखने और कुछ करने का जज़्बा हो तो सफलता की राह खुद बनती जाती है। उन्होंने बताया कि काला काकड़ की महिलाएं अपने बनाए उत्पादों को बेचकर आत्मनिर्भर बनी हैं और अन्य महिलाओं के लिए मिसाल पेश कर रही हैं।

डॉ. स्वाति ने उद्यमिता से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, क्यूआर कोड की जानकारी दी, जिससे महिलाओं को अपने उत्पादों की कानूनी सुरक्षा और विपणन में मदद मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं के पास पारंपरिक हुनर होते हैं, जिन्हें थोड़ा प्रशिक्षण और समर्थन मिलने पर वे उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रसर हो सकती हैं।

प्रो. अर्चना पांडे, संयोजिका, आईआईसी ने नवाचार और आविष्कार के बीच का अंतर स्पष्ट करते हुए संस्था की नवाचार गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार शिक्षा संस्थान महिलाओं को विचारों को उत्पाद में बदलने के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

कार्यक्रम में काला काकड़ की स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती शीलू द्वारा समूह के बनाए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे छात्रों और शिक्षकों द्वारा सराहा गया। यह प्रदर्शनी इस बात का प्रमाण थी कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी अपने प्रयासों से आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं।

कार्यक्रम के विभिन्न हिस्सों का संचालन डॉ. हेमलता पंत ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योति वर्मा ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर डॉ. सुधि श्रीवास्तव, डॉ. चारू त्रिपाठी, डॉ. हिमानी चौरसिया, डॉ. निधि त्रिपाठी सहित अनेक शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। सरस्वती वंदना की प्रस्तुति कुमारी अर्पिता व कुमारी लवी द्वारा की गई, जिससे कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

कार्यशाला में कुल सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। आयोजन में आदित्य शर्मा, अनुराधा यादव, निधि गुप्ता, शिमोनी शिंघल और कुमारी प्रिया राज का विशेष सहयोग उल्लेखनीय रहा।

इस कार्यशाला ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं अगर ठान लें, तो वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकती हैं बल्कि समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकती हैं।