पंजीकरण अनियमितता पर प्रशासन सख्त, तेजस अस्पताल सील
प्रयागराज में नियमविरुद्ध संचालन पर तेजस अस्पताल का पंजीकरण निलंबित, जांच में कई खामियां उजागर हुईं

प्रयागराज। जिला प्रशासन ने चिकित्सा सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तेजस हॉस्पिटल, हबुसा मोड़ को सील कर दिया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों पर की गई। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रावेन्द्र सिंह की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्थानीय राजस्व और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में हॉस्पिटल का गहन निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान अस्पताल के पंजीकरण और नवीनीकरण की स्थिति स्पष्ट नहीं पाई गई। जांच में सामने आया कि अस्पताल का पंजीकरण वैध नहीं है और नवीनीकरण के लिए जो आवेदन प्रस्तुत किया गया था, उसमें कई अनियमितताएं थीं। आवेदन पत्र में डॉ. पल्लवी सिंह का नाम पूर्णकालिक चिकित्सक के रूप में अंकित किया गया था, जबकि प्रशासनिक रिकॉर्ड के अनुसार वह वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करछना में संविदा पर स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं।
जांच के समय स्वयं डॉ. पल्लवी सिंह अस्पताल परिसर में उपस्थित पाई गईं, जो अस्पताल की ओर से प्रस्तुत झूठे दावे को उजागर करता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मौके पर किए गए अवलोकन में पाया गया कि अस्पताल परिसर में डॉ. पल्लवी सिंह को छोड़कर कोई अन्य चिकित्सक या पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित नहीं था। इससे स्पष्ट होता है कि अस्पताल संचालन में गंभीर लापरवाही और नियमों की अवहेलना की जा रही थी।
इन तमाम अनियमितताओं को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तेजस हॉस्पिटल का पंजीकरण निलंबित कर दिया और अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की गई।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार की जांच आगे भी अन्य निजी अस्पतालों में की जाएगी ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से समझौता न हो। जिलाधिकारी ने साफ संकेत दिए हैं कि किसी भी अस्पताल या क्लिनिक को नियमों की अनदेखी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रयागराज में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और पारदर्शिता के लिए प्रशासन द्वारा यह एक सख्त संदेश माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्रवाई के बाद अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों में भी नियमों के पालन को लेकर हलचल तेज हो गई है।
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इलाज के लिए उन्हीं संस्थानों का चयन करें, जिनके पास वैध पंजीकरण और योग्य स्टाफ उपलब्ध हो।