डाक विभाग की नई पहल 'ज्ञान पोस्ट' से सस्ती दरों पर देशभर में पहुँचेगा शैक्षिक और सांस्कृतिक साहित्य
शिक्षा को सुलभ बनाने हेतु डाक विभाग ने 'ज्ञान पोस्ट' सेवा शुरू की, अब सस्ते में भेजें शैक्षिक साहित्य

अहमदाबाद। भारतीय डाक विभाग ने 1 मई 2025 से 'ज्ञान पोस्ट' सेवा की शुरुआत कर एक और जनोपयोगी कदम उठाया है। इस नई सेवा के तहत अब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, स्वायत्त निकायों और सांविधिक संस्थाओं से संबंधित शैक्षिक सामग्री तथा सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विषयों पर आधारित साहित्य को देश के किसी भी कोने में बेहद किफायती दरों पर भेजा जा सकेगा।
उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सेवा का उद्देश्य शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना है। ‘हर घर ज्ञान, हर सपने को उड़ान’ की सोच के साथ आरंभ की गई इस सेवा से देशभर के छात्र, शिक्षक और अध्ययन प्रेमी लाभान्वित होंगे। सेवा के तहत न्यूनतम वजन 300 ग्राम और अधिकतम 5 किलोग्राम तक की सामग्री भेजी जा सकती है, जिसका शुल्क 20 रुपए से शुरू होकर अधिकतम 100 रुपए (कर सहित) तक होगा।
श्री यादव ने बताया कि 'ज्ञान पोस्ट' के तहत भेजी जाने वाली सामग्री सतही माध्यम से भेजी जाएगी और ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सामग्री सुरक्षित और सटीक रूप से अपने गंतव्य तक पहुँचे।
डाक विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस सेवा का उपयोग केवल गैर-वाणिज्यिक और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा। कोई भी व्यावसायिक प्रकाशन, विज्ञापन सामग्री या व्यापारिक उद्देश्य से प्रकाशित सामग्री इस श्रेणी में स्वीकार नहीं की जाएगी। प्रत्येक पुस्तक या सामग्री पर प्रकाशक का नाम और मुद्रक की जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य होगा।
सेवा की शुरुआत के पहले ही दिन उत्तर गुजरात में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कड़वा पटेल बी.एड कॉलेज, विसनगर, महेसाणा ने सबसे पहले महेसाणा प्रधान डाकघर से ‘ज्ञान पोस्ट’ के माध्यम से पुस्तकें भेजी। वहीं गांधीनगर से श्री प्रिंस मकवाना ने इस सेवा की पहली बुकिंग करवाई। इसके अलावा, पूरे उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के सभी मंडलों में इस सेवा के प्रचार-प्रसार की शुरुआत की गई है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
भारतीय डाक का यह नवाचार न केवल शिक्षा की पहुंच को बढ़ाएगा, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करेगा। 'ज्ञान पोस्ट' देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षा की नई रौशनी ले जाने का सशक्त माध्यम बन सकता है।