लम्बित वादों का शीघ्रता से निस्तारण करने का दिया निर्देश:राज्यमंत्री

प्रयागराज। राज्यमंत्री राजस्व विभाग उ.प्र.शासन अनूप प्रधान की अध्यक्षता में गुरूवार को सर्किट हाउस के सभागार में विभिन्न राजस्व न्यायालयों, चकबंदी न्यायालयों में पंजीकृत वादों के निस्तारण की स्थिति के बारे में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मंत्री ने उ.प्र. राजस्व संहिता-2006 की धारा-24, 34, 35, 67, 80 एवं 116 सहित अन्य धाराओं से सम्बंधित लम्बित राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी सम्बंधित राजस्व अधिकारियों को लम्बित वादों को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित किए जाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि राजस्व से सम्बंधित मामलों का समय से निस्तारण किया जाना मुख्यमंत्री के शीर्ष प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में से एक है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। मंत्री ने मुकदमों की पेंडेंसी के सापेक्ष मासिक निस्तारण कम पाये जाने पर तहसीलदारों को मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने धारा-67 के तहत सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जे से कितने अतिक्रमणियों को बेदखल किया गया एवं उनसे कितनी वसूली की गयी, के बारे में जानकारी लेते हुए उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को सरकारी जमीन पर किए गए अवैध अतिक्रमण से बेदखली की कार्रवाई को प्राथमिकता पर किए जाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने धारा-24 के तहत जमीनों की पैमाइश से सम्बंधित प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा में अनिवार्य रूप से निस्तारित किए जाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही साथ उन्होंने धारा-116 के तहत बटवारे से सम्बंधित वाद एवं धारा-34 एवं 35 के तहत नामांतरण से सम्बंधित वादों को भी निर्धारित समय सीमा के अंदर निस्तारित किए जाने का निर्देश दिया है। समीक्षा बैठक में मंत्री ने सभी राजस्व अधिकारियों को राजस्व से सम्बंधित वादों को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी कुंवर पंकज,डीडीसी, एसओसी, सभी तहसीलदारगणों के अलावा अन्य राजस्व से सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहें।
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