अब जेल में जय कन्हैया लाल नहीं ज़रायम पैदा होता है
कारागार में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा द्वापर युग की है लेकिन घोर कलयुग में जेल में अब ज़रायम पैदा होते हैं बाकायदा पुलिस और बंदी रक्षकों की सुरक्षा संरक्षण में अगर उनके नमूने उजागर करना शुरू करें तो संख्या हजारों में पहुंचेगी
अखिल सावंत
हम सनातनी हिंदू की मान्यता है कि द्वापर युग में मथुरा के शासक कंस के कारागार में भगवान श्री कृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से हुआ था इसी परंपरा का निर्वहन करने के लिए देश के अधिकांश कारागारों जेलों पुलिस थानों मुख्यालयों पुलिस लाइनों एवं दूसरे सुरक्षा संस्थानों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें पुलिस थानों को रंगीन लाइटों से सजाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण की झांकियां सजाई जाती हैं एवं संगीत और गायन के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं यह परंपरा सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है
कारागार में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा द्वापर युग की है लेकिन घोर कलयुग में जेल में अब ज़रायम पैदा होते हैं बाकायदा पुलिस और बंदी रक्षकों की सुरक्षा संरक्षण में अगर उनके नमूने उजागर करना शुरू करें तो संख्या हजारों में पहुंचेगी यही नहीं द्वापर में माता देवकी को कारागार में प्रसूति सुविधा मिली हो अथवा नहीं पर आज कलयुग में कारागारों की जरायम करने वालों को चिकित्सालय में पूरी सुविधा मुहैया कराई जाती है जहां पर पूरे फाइव स्टार होटल की सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं यही नहीं उन चिकित्सालय में बैठकर बाकायदा मीटिंग सौदेबाजी धमकी और वसूली का आदेश भी जेल की दीवार के बाहर भेज सकते हैं। जरायम कर्मियों के लिए बन्दी रक्षक एवं चिकित्सक इतने चिंतित रहते हैं कि अगर उन्हें थकावट महसूस हो तो उनके लिए उनके पसंदीदा मसाजगीर से मसाज करा कर उनको तरोताजा रखते हैं हो सकता है कुछ जेल में जरायम कर्मियों की मसाज की सुविधा बैंकॉक वाली भी उपलब्ध हो
हमारा यह आरोप ए खुलासा कुछ लोगों के गले के नीचे ना उतरे वह एतराज भी कर सकते हैं लेकिन जेल एवं पुलिस संस्थाओं की कारगुजारी से अभ्यस्त लोगों को इनमें कुछ भी अनोखा नहीं लगेगा ऊपर से वह आरोप जड़ सकते हैं कि खुलासा करने में कोई कंजूसी बरती सही भी है पिछले कुछ माह में कारागारों की दास्तान विस्तार से आकाशीय टेलीविजन चैनलों में विस्तार से दिखाई जा रही है जिसे शासन प्रशासन एवं कारागारों के बड़े अधिकारियों के सहयोग से अपराधियों को जेल में तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। मेरे घाव उस समय एक बार फिर हरे हो गए जब हत्या आरोपी अमरमणि त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी की रिहाई के विरुद्ध मृतक की बहन ने आरोप लगाया कि हत्या के आरोपी की रिहाई कैसे हो रही है जबकि हत्यारे ने आधे से ज्यादा सजा जेल की बजाय अस्पतालों में पत्नी के साथ बिताये है इसी जेल में मुंबई के एक ठग भाई जेल के बाहर अस्पतालों में अपनी कंपनी के सदस्यों के साथ मीटिंग करते हुए दिखाई दिए अहमदाबाद एवं बांदा जेलों में अपराधियों के लिए तालाब खुदवाने व बैडमिंटन कोर्ट खुलवाने एवं पतंग लड़ाने के खुलासे तो जाहिर ही है। देश की राजधानी दिल्ली का तिहाड़ जेल सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है उसमें एक मंत्री जी मसाज करते हुए टेलीविजन चैनलों में दिखे इसी जेल में एक ठग हाॅटलाइन पर फिल्मी अभिनेत्री से डेटिंग करते हुए देखा तिहाड़ जेल में आज से 2 दशक पहले बिकनी किलर चार्ल्स शोभराज जेल कर्मियों को अपने बर्थडे केक खिलाकर सभी को बेहोश करके जेल से रफू चक्कर हो गया
वैसे भारत के जेलों का इतना स्याह इतिहास भी नहीं हैं आजादी के पूर्व जेल के भीतर रहकर तमाम आंदोलनों का सूत्रपात हुआ। क्रांतिकारियों ने योजना बनाई आपातकाल में जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों ने ही जनता पार्टी का गठन किया जिससे आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस के विरोधी दलों की सरकार बनी पंडित नेहरू ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया की रचना अहमदनगर जेल के भीतर ही रहकर की थी स्वतंत्रता के दीवानों की काल कोठरी सैलूलर जेल की हर दीवार देश प्रेम की कथा कहती है गौरतलब है इसी जेल में वीर सावरकर रहे थे देशवासियों के लिए यह एक पवित्र स्थल या एक मंदिर से कम नहीं है
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