दे दाता के नाम वोट दे दे - मोदी ने वीडियो गेम्स की पीठ थपथपाई
अखिल सावंत
देश में चुनावी मौसम चल रहा है इसलिए वाइड व घोषणा की फसल लहरा रही है राजनीतिक एक से बढ़कर एक योजनाओं के ब्लूप्रिंट मतदाताओं के सामने पेश कर रहे हैं बाकायदा गारंटी तक दे रहे हैं बिना इसकी चिंता किए कि अगर उनकी घोषणाओं की फसल पल्लवित हो गई तो अंजामी गुलिस्ता क्या होगा हर साल पर उल्लू बैठे मिलेंगे इसी कड़ी में देश के प्रधानमंत्री ने अभिभावकों की आपत्ति को दरकिनार करते हुए वीडियो गेम्स की खूब पीठ तपाई उनको प्रोत्साहित किया देश की करोड़ों युवाओं को एक तरह से इशारा किया कि करोड़ों युवा उनको अपना आइकॉन बना ले साथी प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े घर से अपने को वीडियो गेम प्लेयर साबित किया आइकॉन वीडियो गेम प्लेयर से कुछ तरकीब व तजुर्बे भी हासिल किया। वैसे मोदी जी इससे पहले देश के बेहतरीन युटयुबर्स के साथ बैठक करके उनसे अनुभव साझा कर चुके हैं मोदी जी की सोवत आदतों एवं शोक को भी देखकर उनके कट्टर समर्थक व अभिभावक मजेदार में फंस गए हैं अब वह किस मुंह से अपने बच्चों के मोबाइल गेमिंग पर प्रतिबंध लगाएंगे
जी हां बच्चों को आदर्श की नसीहत देने वाले पांच ने तो उनके सपनों को चकना छोड़ कर दिया मोदी के समर्थक इस हरफनमौला अंदाज के कसीदे पढ़े। लेकिन हम तो गारंटी के साथ कह सकते हैं कि मोदी जी के मोबाइल गेमिंग इस पर इसलिए निकले हैं क्योंकि चुनाव का मौसम है इस मौसम में वह करोड़ों युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं वैसे मोबाइल गेमिंग की बीमारी से बच्चे युवा ही नहीं बल्कि पूरे बुजुर्ग भी ग्रस्त हैं। जिंदगी का सारा अनुभव 6 इंच के मोबाइल के ऊपर विकेट देते हैं कभी अपने बुढ़ापे को पूछते हैं कि काश! हम भी जवान होते तो कभी खुद ही अपनी पीठ तपता पाते हैं और बुजुर्ग सॉन्ग साथियों के साथ अपना अनुभव साझा करते हैं आप ही बताएं उनके वोट अपने साथी के खाते में ही जाएंगे इसलिए हम कहते हैं की राजनीति वोट के लिए सब कुछ करेंगे वैसे हम तो मोदी जी की सेल्फ मेड इंस्टाग्राम रियल का भी इंतजार कर रहे हैं
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