पहलगाम हमले में शहीदों की याद में कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा

प्रयागराज के कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज में पहलगाम हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। प्राचार्य सहित शिक्षकों ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की।

पहलगाम हमले में शहीदों की याद में कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा
पहलगाम हमले में शहीदों की याद में कुलभास्कर आश्रम पीजी कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा

(जैनुल आब्दीन)

प्रयागराज : कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में शहीद हुए वीरों की स्मृति में कुलभास्कर आश्रम स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा एक भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. गीतांजलि मौर्य ने इस अमानवीय और कायरतापूर्ण घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे अक्षम्य अपराध करार दिया।

सभा की अध्यक्षता करते हुए शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आतंकवाद मानवता और विकास का सबसे बड़ा शत्रु है। वहीं महामंत्री डॉ. प्रमोद यादव ने अपने वक्तव्य में इस हमले को मानवता पर सीधा हमला बताते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की।

प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. पवन कुमार पचौरी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि देश के प्रति हमारी निष्ठा अटूट है और हम सब मिलकर देशहित में कार्य करने को संकल्पित हैं। इसी क्रम में एसोसिएशन के सचिव डॉ. बिपिन कुमार ने सरकार और सेना से आतंकवादियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

श्रद्धांजलि सभा के दौरान उपस्थित सभी शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और छात्रों ने शहीदों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक प्रो. वी.एन. पांडेय, प्रो. विश्वनाथ, प्रो. जितेंद्र भदौरिया, प्रो. एस.पी. विश्वकर्मा, डॉ. अनुराग त्रिपाठी, डॉ. आभा त्रिपाठी, डॉ. मनीष श्रीवास्तव, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. पुनीत अग्रवाल, डॉ. प्रेम चंद्र, डॉ. मनीष कुमार सहित अन्य शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों लोकेश कुमार, नितिन श्रीवास्तव, राजेश कुमार, प्रशांत कुमार तथा छात्र-छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में भागीदारी निभाई।

कुलभास्कर आश्रम महाविद्यालय में आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा राष्ट्रीय एकता और मानवता के मूल्यों को एक बार फिर मजबूत करने का संदेश देती है।