भाई दूज: भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा का प्रतीक

भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के लिए तिलक कर लंबी उम्र की कामना करती हैं।

नवंबर 4, 2024 - 06:15
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भाई दूज: भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा का प्रतीक
भाई दूज: भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा का प्रतीक

काशी: काशी के प्रसिद्ध आचार्य हिमांशु शुक्ल के अनुसार, भाई दूज का पर्व भाइयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का त्योहार है, जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं, और इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। परंपरागत रूप से, भाई इस दिन बहन के घर जाकर उसे उपहार देते हैं और वहीं भोजन करते हैं, जिससे उनका आपसी स्नेह और संबंध और गहरा होता है। प्राचीन ग्रंथों में भी भाई दूज के महत्व का उल्लेख मिलता है, जो भाइयों के लिए बहनों के प्रेम और समर्पण को दर्शाता है।

भाई दूज के साथ कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं। एक मान्यता के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उसे दर्शन दिए थे और उसके घर भोजन किया था। इस दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया कि जो भी भाई-बहन इस दिन यमुना में स्नान करेंगे, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी। एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करके भाई दूज के दिन अपनी बहन सुभद्रा के घर लौटे थे। सुभद्रा ने अपने भाई का तिलक करके उनके स्वस्थ और दीर्घायु की कामना की थी। तभी से भाई दूज का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है, जो भाई-बहन के पवित्र संबंध का प्रतीक है।

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