ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा: CMO
राष्ट्रीय क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत टीबी रोग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
हरदोई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने जिले में टीबी उन्मूलन की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिले में कुल 11,845 टीबी रोगी हैं, जिनमें से 12 प्रतिशत 18 वर्ष से कम आयु के हैं।
टीबी की जांच के लिए तीन सीबीनोट मशीनें हैं। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के तहत सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाना है, जिसके लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शरद वैश्य ने बताया कि एचसीएल फाउंडेशन द्वारा रीच संस्था के सहयोग से जनवरी माह से टीबी उन्मूलन एवं प्रदर्शन परियोजना चल रही है।
प्राथमिकता के आधार पर 300 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान में यह परियोजना अहिरोरी और संडीला में चल रही है, जहां कुल 764 टीबी रोगी हैं।
इन ब्लॉकों में 16 टीबी चैंपियन काम कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य क्षय रोग से संबंधित भ्रांतियों को दूर करना, टीबी की दवाओं का नियमित सेवन कराना तथा रोगियों को पोषण एवं भावनात्मक समर्थन प्रदान करना है।
763 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। जनवरी से अब तक 2681 टीबी मरीजों को पोषण पोटली दी गई है। लोगों को जागरूक करने के लिए कुल 409 सामुदायिक बैठकें आयोजित की गई हैं। टीबी के संभावित लक्षण वाले 784 मरीजों को टीबी जांच के लिए भेजा गया है। इनमें से 34 में टीबी की पुष्टि हुई है।
टीबी मरीजों के परिवारों के कुल 485 देखभालकर्ताओं की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। एचसीएल फाउंडेशन के पुनीत शर्मा ने परियोजना के बारे में विस्तार से बताया।
रीच फाउंडेशन की राज्य स्तरीय सलाहकार मुक्ता शर्मा ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के बारे में विस्तार से बताया। पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए क्या-क्या मानक पूरे करने होंगे तथा उसके लिए क्या-क्या प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई।
इस अवसर पर प्रत्येक विकास खंड के एनटीईपी कर्मचारियों ने अपने-अपने विकास खंड की ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई। साथ ही पैनल चर्चा भी हुई, जिसमें टीबी चैंपियनों ने अपने अनुभव साझा किए।
What's Your Reaction?